Bageshwar Dham Sanatan Hindu Ekta Yatra Latest Update
बागेश्वर धाम की 5वें दिन की एकता यात्रा का मऊरानीपुर में हुआ समापन, संजय दत्त और खली हुए शामिल
महाराज भले ही मुझे बड़ा भाई कहते हैं, लेकिन मैं उन्हें हमेशा 'गुरूजी' ही बोलता हूं और उनकी इस यात्रा का पूरा समर्थन करता हूं। संजय दत्त ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि वे हमेशा महाराज के साथ रहेंगे और यात्रा की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
छतरपुर: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा का 5वें दिन मऊरानीपुर में समापन
जात-पात का भेद मिटाकर सभी हिन्दुओं को एकजुट करने के उद्देश्य से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा की शुरुआत की है। इस यात्रा के पांचवे दिन मऊरानीपुर में विराम लिया गया। यात्रा के दौरान सड़कों पर हजारों की संख्या में लोग उमड़े, और उनके उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। यात्रा के मार्ग में हर दिशा से लोग सनातन धर्म के लिए एकजुट होते हुए दिखाई दिए।
महाराज पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री यात्रा के दौरान लोगों को जात-पात से ऊपर उठकर एकजुट होने का संकल्प दिला रहे हैं। इस दिन के कार्यक्रम में जहां संतों का दल शामिल हुआ, वहीं कई राजनीतिक नेता भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए यात्रा के समर्थन में खड़े रहे।
खली बोले – अभियान को आगे बढ़ाना है
हरियाणा के प्रसिद्ध रेसलर और द ग्रेट खली मऊरानीपुर में बागेश्वर धाम की सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा के पहले दोपहर भोजन विश्राम के दौरान यात्रा में शामिल हुए। इस मौके पर खली ने यात्रा में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "महाराज के संकल्प को पूरा करने की जिम्मेदारी हम सभी की है। महाराजश्री द्वारा जात-पात और भेदभाव मिटाने के लिए जो अभियान शुरू किया गया है, उसे हमें आगे बढ़ाना है। अगर आपस में भाईचारा होगा, तो हमारा देश और भी मजबूत बनेगा।" उन्होंने कहा, "जहां एकजुटता होती है, वहां शक्ति होती है।"
संजय दत्त ने कहा – मैं हमेशा महाराज के साथ हूं
मऊरानीपुर में यात्रा के दौरान बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता संजय दत्त भी शामिल हुए। उन्होंने महाराज के इस पहल का समर्थन करते हुए कहा, "यह बहुत अच्छा कार्य है। महाराज भले ही मुझे बड़ा भाई कहते हैं, लेकिन मैं उन्हें हमेशा 'गुरूजी' ही मानता हूं और इस यात्रा का पूरी तरह समर्थन करता हूं।" संजय दत्त ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में महाराज की इस यात्रा की सफलता की शुभकामनाएं दी और कहा कि वह हमेशा महाराज के साथ रहेंगे।