Bageswardham

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Kailash Vijayvargiya in Bageshwar Dham Sanatan Hindu Ekta Yatra

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कैलाश विजयवर्गीय: एक राजनीतिक जीवन परिचय

परिचय
कैलाश विजयवर्गीय (जन्म: 13 मई 1956) एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन इंदौर भारतीय जनता पार्टी से शुरू किया और पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हुए। वे 12 साल तक इंदौर के मेयर, 6 बार विधायक और राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे हैं।

राजनीतिक यात्रा
कैलाश विजयवर्गीय ने 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें पार्टी को ऐतिहासिक जीत हासिल हुई। इस जीत के बाद उन्हें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण भूमिका मिली। जून 2015 में, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया और पश्चिम बंगाल में पार्टी का नया नेतृत्व सौंपा। उनके नेतृत्व में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज की और 2019 के लोकसभा चुनावों में 18 सीटें जीतीं।

व्यक्तिगत जीवन
कैलाश विजयवर्गीय का जन्म 13 मई 1956 को इंदौर में शंकरदयाल विजयवर्गीय के घर हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा में विज्ञान में स्नातक और बाद में कानून (LLB) की डिग्री प्राप्त की। उनका विवाह आशा विजयवर्गीय से हुआ है, और उनके दो बेटे हैं, जिनमें आकाश विजयवर्गीय, जो खुद एक प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं, शामिल हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में हनुमान जी की अष्टधातु की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण भी कराया। व्यक्तिगत जीवन में, वे लगभग 20 वर्षों तक अनाज का सेवन नहीं करते रहे, और केवल मोरधन, राजगिरा, साबूदाना, फल, और सब्जियाँ खाते थे।

राजनीतिक करियर
कैलाश विजयवर्गीय का राजनीतिक करियर 1975 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से शुरू हुआ। 1983 में वे इंदौर नगर निगम के पार्षद बने और 1985 में स्थायी समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। वे भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे। 1990 से 2013 तक उन्होंने लगातार छह बार विधानसभा चुनाव जीते।

विजयवर्गीय ने 2014 में भाजपा के हरियाणा राज्य विधानसभा चुनाव अभियान का नेतृत्व किया, जिससे पार्टी की सीटों की संख्या 4 से बढ़कर 47 हो गई। 2015 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया और वे पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रभारी बने। उनका कार्यकाल भाजपा के लिए अत्यधिक प्रभावशाली रहा, और वे पश्चिम बंगाल में पार्टी के "गेम चेंजर" के रूप में पहचाने गए।

महापौर और मंत्रिमंडल सदस्य
कैलाश विजयवर्गीय 2000 में इंदौर नगर निगम के पहले सीधे निर्वाचित महापौर बने। उन्हें 2003 में दक्षिण एशिया महापौर परिषद का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया। इसके बाद वे मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने 2008 में लोक निर्माण, संसदीय कार्य, नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। इसके बाद वे राज्य सरकार में विभिन्न विभागों के मंत्री रहे, जिनमें आईटी, उद्योग, शहरी विकास, और धार्मिक न्यास विभाग प्रमुख हैं।

उनके कार्यकाल में इंदौर में कई महत्वपूर्ण विकास कार्य हुए। उन्होंने इंदौर में टीसीएस, इंफोसिस जैसी बड़ी आईटी कंपनियों को आकर्षित किया और राज्य में वैश्विक निवेशकों की मीटिंग आयोजित की। इसके साथ ही, उन्होंने 4.31 ट्रिलियन रुपये की परियोजनाओं के लिए 259 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

निष्कर्ष
कैलाश विजयवर्गीय भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली नाम हैं। उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने कई राज्यों में अपनी ताकत बढ़ाई और कई महत्वपूर्ण राजनीतिक अभियानों को सफलतापूर्वक चलाया। वे न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं, बल्कि इंदौर और मध्य प्रदेश के विकास में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है।