Sanju Baba in Bageshwar Dham Sanatan Hindu Ekta Yatra
संजय दत्त जीवनी
संजय दत्त हिन्दी सिनेमा के एक प्रमुख अभिनेता और निर्माता हैं, जिनकी अभिनय की शैली ने उन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान दिलाई। उन्हें 'संजी बाबा', 'मुन्ना भाई', और 'डेडली दत्त' जैसे कई उपनामों से भी जाना जाता है। संजय दत्त का करियर कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, जिसमें फिल्मी सफलता और व्यक्तिगत जीवन के संघर्ष दोनों ही शामिल हैं। उन्होंने एक्शन, रोमांस, कॉमेडी जैसी विभिन्न शैलियों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और आज भी उनके अभिनय के लाखों दीवाने हैं। साथ ही, 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट मामले में उनका नाम आने के बाद वे काफी सुर्खियों में रहे।
पृष्ठभूमि
संजय दत्त का जन्म 29 जुलाई 1959 को हुआ था। वे प्रसिद्ध अभिनेता सुनील दत्त और अभिनेत्री नरगिस के बेटे हैं। दोनों ही उनके माता-पिता हिन्दी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता थे और उनके नाम से कई सुपरहिट फिल्में जुड़ी हुई हैं।
शादी और पारिवारिक जीवन
संजय दत्त की पहली शादी रिचा शर्मा से हुई थी, जो 1996 में ब्रेन ट्यूमर के कारण निधन हो गईं। इस शादी से उनकी एक बेटी त्रिशाला है, जो वर्तमान में अपने दादी-दादा के पास यू.एस. में रहती है। इसके बाद, संजय की शादी रिया पिल्लई से हुई, लेकिन उनका तलाक हो गया। फिर, 2008 में संजय ने मान्यता दत्त से विवाह किया। इस जोड़े को 21 अक्टूबर 2010 को जुड़वां बच्चों का आशीर्वाद मिला, जिनका नाम शहरान और इकरा है।
संजय दत्त की फिल्मोग्राफी
संजय दत्त का फिल्मी करियर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। 1981 में, बाल कलाकार के तौर पर फिल्म रेशमा और शेरा में संजय ने पहली बार स्क्रीन पर कदम रखा था, लेकिन बतौर मुख्य अभिनेता उनकी पहली फिल्म रॉकी (1981) थी, जो एक बड़ी हिट साबित हुई। इसके बाद, उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया और भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में अपनी जगह बनाई। उनकी फिल्म खलनायक (1993) में निभाया गया 'बल्लू' का किरदार आज भी दर्शकों के ज़ेहन में ताजा है। फिल्म वास्तव (1999) में उनके अभिनय को सराहा गया और इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड मिला।
संजय दत्त ने अपने करियर में कई शानदार फिल्में दीं जैसे साजन (1991), सड़क (1991), आतिश (1994), मिशन कश्मीर (2000), मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस. (2003), और लगे रहो मुन्ना भाई (2006), जिनमें उनका अभिनय बेहद सराहा गया।
मुंबई बम ब्लास्ट और कानूनी संघर्ष
1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट के बाद संजय दत्त का नाम विवादों में आया। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए गैर-कानूनी हथियार रखे थे। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया और पांच साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, उन्होंने विभिन्न अवसरों पर जमानत प्राप्त की और धीरे-धीरे जेल की सजा पूरी की। इस समय उनके फिल्मी करियर पर भी असर पड़ा, लेकिन संजय दत्त ने अपना साहस बनाए रखा और वापसी की।
स्वास्थ्य संकट
अगस्त 2020 में संजय दत्त को सांस लेने में दिक्कत होने के बाद मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में उन्हें फेफड़ों का कैंसर होने का पता चला और यह कैंसर तीसरी स्टेज पर था। बाद में यह खबर सामने आई कि कैंसर चौथी स्टेज तक पहुंच चुका था। बावजूद इसके, संजय दत्त ने इलाज के साथ-साथ अपनी फिल्म शमशेरा की शूटिंग भी जारी रखी, जिसमें उनके लिए खास सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
21 अक्टूबर 2020 को संजय दत्त ने ट्विटर के माध्यम से अपनी सेहत की जानकारी दी और बताया कि अब वे पूरी तरह से ठीक हैं।
निष्कर्ष
संजय दत्त का जीवन संघर्षों और सफलता का मिश्रण रहा है। जहां एक ओर उन्होंने अपनी फिल्मों से लोगों का दिल जीता, वहीं दूसरी ओर व्यक्तिगत और कानूनी समस्याओं का भी सामना किया। लेकिन उनकी जिजीविषा और अभिनय के प्रति प्यार ने उन्हें हमेशा ऊंचाई पर रखा। आज भी संजय दत्त हिन्दी सिनेमा के महत्वपूर्ण और प्रभावशाली सितारे हैं।