Bageswardham

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Vrindavan to Delhi Sanatan Hindu Ekta Padyatra 2025

Vrindavan to Delhi Sanatan Hindu Ekta Padyatra 2025

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वृंदावन के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 7 नवंबर से दिल्ली से वृंदावन तक 10 दिवसीय और लगभग 170 किमी लंबी ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा निकालेंगे। सोमवार को कृष्ण कृपा धाम में 200 से अधिक संतों और महंतों की बैठक हुई, जिसमें यात्रा की रूपरेखा, अनुशासन और धार्मिक मर्यादाओं पर चर्चा की गई।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आगामी 7 नवंबर से दिल्ली से वृंदावन तक एक विशाल ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा निकालने जा रहे हैं। दस दिवसीय यह यात्रा लगभग 170 किलोमीटर लंबी होगी और 16 नवंबर को वृंदावन पहुंचकर संपन्न होगी।

यात्रा से पहले सोमवार को वृंदावन के कृष्ण कृपा धाम में संत-समागम हुआ। इस बैठक में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज, भाजपा सांसद मनोज तिवारी, और देशभर से आए 200 से अधिक संतों और महंतों ने भाग लिया। बैठक में यात्रा की रूपरेखा, अनुशासन और धार्मिक मर्यादाओं पर विशेष चर्चा की गई। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा पूरी शालीनता और सांस्कृतिक गरिमा के साथ निकाली जाएगी।

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन भी है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि ब्रज क्षेत्र में मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक लगे, यमुना शुद्ध हो, और धार्मिक स्थलों पर राष्ट्रगीत गूंजे। जब तक सभी सनातनी एकजुट नहीं होते, हमारा प्रयास जारी रहेगा उन्होंने यह भी कहा कि मंदिरों और मस्जिदों में राष्ट्रगीत का वादन यह दर्शाने के लिए होना चाहिए कि कौन इस मातृभूमि से प्रेम करता है और कौन नहीं।

सांसद मनोज तिवारी बोले अपने भीतर का श्रीकृष्ण जगाएं
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि वे इस यात्रा को इतना महत्व दे रहे हैं कि दिल्ली के अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर वृंदावन पहुंचे हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया, अब समय है कि अपने अंदर के हनुमान और श्रीकृष्ण को जागृत करें। यह यात्रा आत्मबोध और राष्ट्रबोध का माध्यम बनेगी।
झांकियां, रथ और अनुयायियों का हुजूम
यात्रा में अलग-अलग समाजों के महापुरुषों की झांकियां, गौरक्षा रथ, बागेश्वर बालाजी रथ, और अन्य धार्मिक रथ यात्रा का हिस्सा होंगे। पिछली यात्रा की तरह इस बार भी बुंदेलखंड के खली बद्री विश्वकर्मा, जो बालों से रथ खींचते हैं, साथ चल सकते हैं।